कभी कभी चंद मिनटों की मुलाक़ात असीम सुख दे जाती है जब एक पल को ही सही उसका हाथ आपके हाथों के उंगलियों में उलझकर दूर न जाने कि गुजारिश करता जान पड़ता है सालों इंतेज़ार करने के बाद ये मुट्ठी भर लम्हे वहीं शांत पड़ना चाहते है। पर समय रुकता कहां है उसकी नम आंखें झुक गई है और मद्धम मद्धम कांपते होठों से एक लफ्ज़ भी नहीं निकल पाया पर जाते जाते ऐसा लगता है जैसे अमृता कह रही हो इमरोज से "मैं तैनू फिर मिलांगी" ©#उज्जवल #happy #ujjwal #love #feelings #wetogether