गुजरते है रोज तेरी गलियों से पर छोडते नही निशाँ भी अपने कदमों के सच बताना... देखा है मैने तुम्हें भी समेटते हुए टुकडे कुछ यादों के.... लोगों से पूछ कर देखें, क्या जवाब मिलता है? #सचबताना #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi