बनकर महकूँ मैं चंदन सा मुझको ऐसे सींचना ! प्रिय💕👴☕☕ : मेरी ये पंक्तियां कैसी हैं ! तुम इसमें अपनी शक्ति ऊर्जा प्राण भरके और ज्वलंत करो ना ! : शंखनाद अब हो चुका है ठंन गया है युद्ध देखो है सलिल सीतल अभी तक जाने उसको क्या हुआ है ! :