हर तरफ उठ रहा धुआँ,, सबके दिलों में आग क्यूँ है,, हर शख्स यहाँ पे,, हर शख्स से नाराज क्यूँ है,, किसी से मोहब्बत करो तो,, मजहब पूछते हैं लोग,, नफ़रतों का आखिर यहाँ,, ये कायम रिवाज क्यूँ है,, बात धर्म की करो तो,, बड़ा शोर होता है,, बात मुल्क की हो तो,, हर लफ्ज़ बे-आवाज क्यूँ है,, अब तो ऐतबार पे भी,, यकीन नहीं होता,, हर चाहने वाला,, शातिर मिजाज क्यूँ है,, #right2write