ना बोलती हैं, ना डोलती हैं मन ही मन तुझको टटोलती हैं बोलती नहीं, लेकिन बहुत कुछ कह जाती हैं मेरी बिंदिया बहुत बतयाती हैं हां तुझ संग बहुत बतयाती हैं। जुगनू सी जगमगाती हैं रोज तुझे पास बुलाती हैं ये सखी हैं या हैं दुश्मन मेरी विरह अग्नि में तपन बढ़ाती हैं मेरी बिंदिया बहुत बतयाती हैं हां तुझ संग बहुत बतयाती हैं। -poetess sonika #बिंदिया #poetess #sonika #tanwar #svra #poemkiduniya #nojotoenglish #nojotohindi #nojotonews