के गुज़ारिश है की गुज़ारिश है हमसे... अगर एक बार दिल की दीवार के छेदों को भर दूंगा कहीं ये ना समझ लेना के वेहशियत है तुमसे। दिल तुम्हारा ही हूँ, चोट खिलाकर भी दर्द सहता रहूँगा कायनात में तेरी कहानी अब मेरी ही है रूह उड़ी जिस्म से तो घड़ी अब रुकी है लिख कर मिटना भी अब गंवारा नहीं दुनिया उल्फ़त के अफ़साने दे होंसलों की लड़ी है। गुज़ारिश है तुमसे.... गुज़ारिश है तुमसे... #गुज़ारिशहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi