ख्यालौं की दुनिया में खो जाना, और उन ख्यालौं को कलम के सहारे पन्नों पर दर्ज कर कुछ खास बना देना, ! यह एक बहुत खुबसुरत कला हैं, माना हर कोई तबज्जौ नहीं देता है, लेकिन जो गर एक सुनेगा तो सब सुनेगें गालिब!! ।। इस युग का मिर्जा गालिब ।। #कला-#ए-#नज्म 𝐒𝐡𝐚𝐤𝐢𝐥 𝐊𝐡𝐚𝐧 Ranjeet Sonkar पत्रकार