बचपन का वो गुड्डे गुड्डी का खेल ही बेहतर था, जब ख़ुद ही सारे किरदार निभाकर, बस ख़ुशियों वाले पलों को जीकर, खेल ख़त्म हो जाया करता था। हर रोज़ एक नई कहानी बना करती थी और हर रोज़, सब ख़त्म हो जाया करता था, तब खेल हम खेला करते थे, अब खेल ज़िन्दगी खेलने लगी है। कहानियाँ कई हैं इसमें भी, बस ख़त्म नहीं होती हर रोज़, पर्त दर पर्त खुलती रहती है। #NojotoQuote zindagi #nojotohindi #nojotoquote #nojoto #zindagi #nojotohindiquote