मुझे छूने को उसका मख़मली पल्लू सरकता है ! बुलाती है किसी की दालचीनी सी महक मुझको, मेरा ही नाम ले-लेकर कोई कंगन खनकता है !! सुबह में रात में और दोपहर में साथ रहती है, कोई मासूम सी लड़की सफ़र में साथ रहती है!!! समय जब भागता है रात गहरी होने लगती है, तो उसकी याद की शम्मा सुनहरी होने लगती है ! मेरी पलकों पे उसके ख़्वाब उगने लगते हैं जैसे , अजब ख़ुशबू से तर मेरी मसहरी होने लगती है ! मैं उठकर बैठता हूं और क़लम काग़ज़ उठाता हूं , मैं उस काग़ज़ पे अपनी याद का चेहरा बनाता हूं !! उजाले चुभने लगते हैं मेरी आंखों को कमरे के, क़लम को चूमता हूं और चराग़ों को बुझाता हूं ! मेरी यादों के इस उठते भंवर में साथ रहती है , कोई मासूम सी लड़की सफ़र में साथ रहती है!!! Ãs #NojotoQuote koi Lake de de Mujhe pyar mera