अजीब शहर है, अजीब शहर के है लोग, किसी के दर्द पे हँसते हैं रो नही सकते।। इस शहर से अच्छा तो मेरा गाव भला, किसी को दर्द जो हो जाए तो सोते नही है लोग।। ©Vaibhav Shrivastav #gav me basta hai insan, sahar me baste sahukar