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नजर गुस्ताख है उसकी, अधर खामोश कितना है। गुरूर-ऐ-ह

नजर गुस्ताख है उसकी,
अधर खामोश कितना है।
गुरूर-ऐ-हुश्न पर अपने,
मगर मदहोश कितना है।
जो कहते है कि तुम अपनी 
कभी हद पार मत करना,
वो मुझको ये बताए पर,
उन्हे खुद होश कितना है... # behosh...
नजर गुस्ताख है उसकी,
अधर खामोश कितना है।
गुरूर-ऐ-हुश्न पर अपने,
मगर मदहोश कितना है।
जो कहते है कि तुम अपनी 
कभी हद पार मत करना,
वो मुझको ये बताए पर,
उन्हे खुद होश कितना है... # behosh...
nkumar1267407499582

N Kumar

Bronze Star
New Creator