#OpenPoetry इज़्ज़त अफ़जाई के लिए, सबको डराना पड़ता है मज़हबी जंग छिड़ी है, इसमें सबको हराना पड़ता है क्या पहले देशभक्त नही थे हम,यार बड़ी आफत है अब नई देशभक्ति है, हर दिन नारा लगाना पड़ता है © दिनेश शर्मा 08.08.2019, 04:00 AM #इज़्ज़त #नारा #मज़हब