और डूबने की परवाह नहीं, लहरों से खेलना शौक बन गया, किनारों की अब चाह नहीं । भवसागर से पार उतरने के लिए नाव भी मज़बूत चाहिए और हौसला भी। #मंझधार #yqdidi #yourquoteandmine Collaborating with YourQuote Didi #wingsofpoetry