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White आगमन में बहुत देर कर दी प्रिये मैं वचन दे

White आगमन  में  बहुत देर कर दी प्रिये
मैं वचन दे चुका हूँ किसी और को!

आँधियों  ने  डराया सताया  बहुत
दीप   जलते   रहे   थरथराते   हुये
अब  कहीं  भी  न  संवेदना शेष है
हँस  रहे  हैं  नयन  अश्रु  लाते हुये

जो नयन थे हमेशा समर्पित  तुम्हें
वे नयन दे चुका हूँ किसी और को!

छाँव की  चाह  में धूप  मैंने  चुनी
पाँव जलते रहे किंतु हर पल चले
देर से ही सही तुम मिली  हो मुझे
कह रहा है हृदय मैं लगा लूँ  गले

बात  मैं  मान  लेता  हृदय की शुभे
किंतु तन दे चुका हूँ किसी और को!

जानता हूँ मिलन अब न होगा कभी
और अंतिम मिलन भी अधूरा रहा
भाग्य में उंगलियाँ थीं तुम्हारी नहीं
उम्र  का  अनछुआ  तानपूरा  रहा

जिस छुअन के लिये मैं तरसता रहा
वह छुअन दे चुका हूं किसी और को

©AMBIKA PRASAD NANDAN #nag_panchmi2024  Dharmendra Ray   Student Student  Birbhadra Kumari  Kumari Birbhadra  Khan Sahab
White आगमन  में  बहुत देर कर दी प्रिये
मैं वचन दे चुका हूँ किसी और को!

आँधियों  ने  डराया सताया  बहुत
दीप   जलते   रहे   थरथराते   हुये
अब  कहीं  भी  न  संवेदना शेष है
हँस  रहे  हैं  नयन  अश्रु  लाते हुये

जो नयन थे हमेशा समर्पित  तुम्हें
वे नयन दे चुका हूँ किसी और को!

छाँव की  चाह  में धूप  मैंने  चुनी
पाँव जलते रहे किंतु हर पल चले
देर से ही सही तुम मिली  हो मुझे
कह रहा है हृदय मैं लगा लूँ  गले

बात  मैं  मान  लेता  हृदय की शुभे
किंतु तन दे चुका हूँ किसी और को!

जानता हूँ मिलन अब न होगा कभी
और अंतिम मिलन भी अधूरा रहा
भाग्य में उंगलियाँ थीं तुम्हारी नहीं
उम्र  का  अनछुआ  तानपूरा  रहा

जिस छुअन के लिये मैं तरसता रहा
वह छुअन दे चुका हूं किसी और को

©AMBIKA PRASAD NANDAN #nag_panchmi2024  Dharmendra Ray   Student Student  Birbhadra Kumari  Kumari Birbhadra  Khan Sahab