चलो आज फिर नमन करे उन माँ के लालो को, हो गए शहीद चढ़ गए बलि की बेदी पर ,उन देशभक्त मतबालो को, चलो आज फिर नमन करे उन माँ के लालो को..... निकले थे घरो से बह जब करने देश की रक्षा , बिदा किया था उनकी माँ ने लेकर वादा सच्चा, मेरे दूध की लाज बचा लेना,दुश्मन को धूल चटा देना, कुछ भी हो जाये तुझको मुझको होगा नही कभी भी ग़म, कह दूंगी चढ़ गया मेरा लाल बलि की बेदी पर, बन करके देश का हमदम, उधर एक कोने में बैठी थी बहना ,भरकर अश्क़ नैनो में बोली, भर जाएगी फिर खुशियो से मेरी झोली ,जब तू तिरंगा लहराएगा, मिट भी गया देश के नाम पर फिर भी कहूंगी, एक दिन मेरा भाई राखी का कर्ज चुकाने जरूर आएगा, कभी सरहद पर बैठ कर झेली थी जिन्होंने गोलियां, कभी हमारी रक्षा की खातिर खेली थी खून की होलियां, बाह दिया था लहू का कतरा कतरा बचानेे देसज शान को, कहने लगे मिट जाएंगे पर न कम होने देंगे देश के मान को, भरने लगे आहें किया याद फिर उन बादो को, करके एकत्रित सारा साहस,कहकर भारत माता की जय, लड़ते रहे बढ़ते रहे बिजय पथ पर चढ़ते रहे, रुकने नही दिए अपने कदम ,दुश्मन के सिर एक ओर हार मढ़ते रहे चीर रही थी सीना उनका फिर से बही गोलियां, चढ़े जा रहे एक हाँथ में ध्यजा संभाले लगाकर भारतमाता की बोलियां, पहुंचकर बिजय छोटी पर प्राणों को था खो दिया , एक हाँथ में थी देश की मिट्टी ,एक हाँथ में था बही ध्यजा, इधर उन्ही वादा करने वालो में एक चिराग और जला, भरकर नैनो में आंसुओ की धारा दिल मे गर्व का दीप जला, हो गए अमर शहीद दे गए हमे सुरक्षित रहने का तोहफा, मरते दम जो शब्द निकल था उनके मुंह से बह था , "खुश रहना मेरे भारतबासी ,अच्छा अब हम चलते हैं-2।।".... ---(GUSTAKHI MAAF) #tirangaa