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चाँद सी ज़ंजीर को.. क्यों तोड़ती लकीर हैं, रात सी

चाँद सी ज़ंजीर को.. 
क्यों तोड़ती लकीर हैं, 
रात सी तबस्सुम को
क्यों छिनता बेजार हैं! 
मुस्कान की इस राह पर
यह कैसी दीवार हैं,, 
 जहाँ न तुम हो न हम हैं
बस बीच एक फ़रियाद हैं... 
शायद वह भी अश्कों कि
बरसात हैं। 

Nishu Maurya.. 
#kaid ek awaz... #zanzeer#bejar#fariyad
#kaidEkAwaz 

#raindrops
चाँद सी ज़ंजीर को.. 
क्यों तोड़ती लकीर हैं, 
रात सी तबस्सुम को
क्यों छिनता बेजार हैं! 
मुस्कान की इस राह पर
यह कैसी दीवार हैं,, 
 जहाँ न तुम हो न हम हैं
बस बीच एक फ़रियाद हैं... 
शायद वह भी अश्कों कि
बरसात हैं। 

Nishu Maurya.. 
#kaid ek awaz... #zanzeer#bejar#fariyad
#kaidEkAwaz 

#raindrops