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मेरी उंगलियों ने अक्सर थामी हैं वो बैचेन उंगलिया

मेरी उंगलियों ने 
अक्सर 
थामी हैं वो बैचेन उंगलियां,
उन कांपती उंगलियों में,
साहस भरा है,
इस साहस से,
उन कांपती उंगलियों को,
मुट्ठी बनने का 
साहस मिला है
ये *उसी* की कृपा है,
जो मुझे *कर्ता* के
माध्यम होने का कर्तव्य मिला है तुमनें देखी नहीं
कभी
बेचैनी अंगुलियों की
जो इक दूसरे के बिना
खुद को कितना कमजोर
अनुभव करती है
तुम्हें जो मुट्ठी
इक "जोर" लगती है
मेरी उंगलियों ने 
अक्सर 
थामी हैं वो बैचेन उंगलियां,
उन कांपती उंगलियों में,
साहस भरा है,
इस साहस से,
उन कांपती उंगलियों को,
मुट्ठी बनने का 
साहस मिला है
ये *उसी* की कृपा है,
जो मुझे *कर्ता* के
माध्यम होने का कर्तव्य मिला है तुमनें देखी नहीं
कभी
बेचैनी अंगुलियों की
जो इक दूसरे के बिना
खुद को कितना कमजोर
अनुभव करती है
तुम्हें जो मुट्ठी
इक "जोर" लगती है

तुमनें देखी नहीं कभी बेचैनी अंगुलियों की जो इक दूसरे के बिना खुद को कितना कमजोर अनुभव करती है तुम्हें जो मुट्ठी इक "जोर" लगती है #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #yqquotes #Haqiqat #megha_gupta