Nojoto: Largest Storytelling Platform

ये दिल-नादां तेरी इल्तज़ा कर, तुझे पुकारता है, तू

ये दिल-नादां तेरी इल्तज़ा कर,
 तुझे पुकारता है,
तू मशरूफ़ है अपनी जहां में, 
देख तुझें मैं अब भी अपनी जहां में माँगता हूँ...
~अकबर~ apni zahan me mashroof hai
ये दिल-नादां तेरी इल्तज़ा कर,
 तुझे पुकारता है,
तू मशरूफ़ है अपनी जहां में, 
देख तुझें मैं अब भी अपनी जहां में माँगता हूँ...
~अकबर~ apni zahan me mashroof hai