मेरे अन्दर ये जो उथल-पुथल चल रही हैं, ये ना चैन से जीने देगी, ना चैन से मरने देगी, लेकिन मुझे ये उम्मीद हैं... भटक कर ही सही मगर मेरी मजिंल मुझे एक रोज़ जरूर मिलेगी। Write by- Princi ©Princi Bhardwaj uthal-puthal #na_chain_se_jeene_degi #na_chain_se_marne_degi #uthal_puthal#halchal #zindagi#mannkibaatein #Zindagi_Ki_Haqiqat#manzil #meri_manzil#ummidshayari