Vishnu Bhagwan स्वयं कर्म करोत्यात्मा स्वयं तत्फलमश्नुते । स्वयं भ्रमति संसारे स्वयंतस्माद्विमुच्यते ।। मनुष्य स्वयं कर्म करता है और स्वयं ही उसका फल भोगता है ।वह स्वयं ही इस संसार सागर में डूबता रहता है तथा स्वयं ही प्रयास करके इससे मुक्त हो जाता है तथा मोक्ष को प्राप्त करता है । श्री हरि ©sharma h.k कर्मफलम #vishnubhagwan