सोहनलाल माली है। दिनभर कड़कड़ाती ठंड में काम करने के बाद शाम को घर पहुँचा। जब सोने का वक़्त हो चला तो उसके बेटे ने पूछ लिया कि पापा "कभी हमारी जिंदगी में भी खुशियों के फूल खिलेंगे, कभी सुख के फल लदेंगे।" सोहनलाल बोला, बेटा रात बहुत हो गयी है, अब सो जा। "चल ख्वाब देखते हैं।" लम्हा-लम्हा नई होती हुई ज़िंदगी के लिए ख़्वाब भी नए-नए ज़रूरी होते हैं। ज़िंदगी हर लम्हा यही कह रही है। चल #ख़्वाबदेखतेहैं #collab करें #yqdidi के साथ। #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi