White बदल रहे हैं परिवेश धरा के कैसै कैसे ये भेस जहां के लुटेरे लूट रहे संस्कृतियां विहान डूबता नजर आ रहा फिर भी बहके बहके अल्हड मूर्झित है ये लोग यहां के।। ©Shilpa Yadav #GoodMorning #Shilpayadavpoetry#nojotohindi#shilpayadavpoetry कविताएं हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी