#maaPapa
कभी माँ के आँचल ने धूप और ताप में संभाला
तो कभी लड़खाड़ाते कदमों को पिता ने सहारा दिया
जो ना देख पाये नन्हें कदम दुनिया चल के तो पिता के कंधों ने ख़ुद पर बैठा लिया
माँ ने मेरे हर ख़्वाब को पलकों से लगा लिया
कभी जादू की झप्पी तो गुस्से वाली थपकी को भी दुलार से पिला दिया
सुख हो या कि हो दुःख की स्याह घनघोर घटा #कविता