लम्हा - लम्हा तरसता रहा !उस संगदिल के प्यार के लिये!उसने भी बहुत तड़पाया ,इज़हार के लिये!j जिसकी तस्वीर को दिल में बसाया धड़कन की तरह, उसने ही अपनी ही नजरों से गिराया मुझे दुश्मन की तरह! भले ही उसने हथेली में नाम रचाया है, किसी और का !वो आज भी दिल के कोने में बैठी है दुल्हन की तरह! ©Dinesh Kashyap # lamha #lamha