*हास्य*😁 बात-बात में गुस्सा, बात- बात में लड़ाई, हे भगवन! ये कैसी नेमत पायी। दुनिया में क्या कोई और नहीं था? जो मुझे ही थमाई।। क्या पिछले जनम में मैने की थी कोई खता? यदि की भी थी तो उसकी ईतनी बड़ी सजा। उम्र भर के वजाय, क्या सजा नहीं हो सकती थी ,थोड़ा कम। आप्शन तो रखते, आपके भक्त तो क्या?संत ही बन जाते हम।। अब आपसे प्रार्थना है हमारी, करो कृपा कुछ ऐसी, दुनिया भर का प्यार भर दो उसमें , ताकि ये सजा भी लगने लगे न्यारी।। *कुमार मनोज (नवीन) * #kumar manoj#hasya