में हूँ किताब का वो पन्ना, जिसमें तेरे सिवा कोई नही!! चाहता हूँ लिखना बहुत कुछ, पर तुझे देखे कलम उठती नही!! भरना चाहता हूँ खाली पन्नो को, अफ़सोस बगैर तेरे लफ्ज़ बनते नही!! लिखना चाहता हूँ अपने इश्क़ की दास्ताँ, लेकिन तुने कभी महोब्बत हमसे की ही नही!! ऐ खुदा क्या होगा सरू के जीवन का मंजर, जब उसने खोप ही दिया पीठ मे खंजर!! S∆RU . ©saru writes #मोहब्बत_कभी_की_ही_नही #Saru #saruwrites