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# भुलाता लाख हूँ लेकिन बराबर याद | English Shayar

भुलाता लाख हूँ लेकिन बराबर याद आते हैं 
इलाही तर्क-ए-उल्फ़त पर वो क्यूँ कर याद आते हैं 
नहीं आती तो याद उन की महीनों तक नहीं आती 
मगर जब याद आते हैं तो अक्सर याद आते हैं 
~ हसरत मोहानी
#HasratMohani 
#EklakhAnsari

भुलाता लाख हूँ लेकिन बराबर याद आते हैं इलाही तर्क-ए-उल्फ़त पर वो क्यूँ कर याद आते हैं नहीं आती तो याद उन की महीनों तक नहीं आती मगर जब याद आते हैं तो अक्सर याद आते हैं ~ हसरत मोहानी #HasratMohani #EklakhAnsari

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