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सिमट आई है माँ की ममता बाबूजी का दुलार चाची जी की

सिमट आई है माँ की ममता 
बाबूजी का दुलार चाची जी की फटकार
और चाचा जी की मार वो संयुक्त परिवार
दादा जी की मूछें दादी की ललकार
दोस्तों के संग गुजरे दिनभर यार
रोना और मचलना मचल कर बात मनवालेना
मार खा कर भी वही करना
जो दिल की होती थी पुकार
अंताछरी में पूरे स्कूल को हराना
और घर आकर बस्ता फेंके भागना
सुबह सुबह पेड़ों से लटकना
शाम को हनुमान चालीसा जरूर पढ़ना
वो रात भर रामायण पढ़ने का इंतजार
दादा जी के लिए श्लोक लिखना
भागवत गीता को रटना 
कितना कुछ इस दिल के कौने में है 
कैसे वयां करूँ यार....
अब तो बदल गया संसार
न बैसे आचार रहे न ही रहे विचार

 दिल से पूरी तरह नहीं निकल पाते हैं कुछ लोग।
#दिलकेकोनेमें #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
सिमट आई है माँ की ममता 
बाबूजी का दुलार चाची जी की फटकार
और चाचा जी की मार वो संयुक्त परिवार
दादा जी की मूछें दादी की ललकार
दोस्तों के संग गुजरे दिनभर यार
रोना और मचलना मचल कर बात मनवालेना
मार खा कर भी वही करना
जो दिल की होती थी पुकार
अंताछरी में पूरे स्कूल को हराना
और घर आकर बस्ता फेंके भागना
सुबह सुबह पेड़ों से लटकना
शाम को हनुमान चालीसा जरूर पढ़ना
वो रात भर रामायण पढ़ने का इंतजार
दादा जी के लिए श्लोक लिखना
भागवत गीता को रटना 
कितना कुछ इस दिल के कौने में है 
कैसे वयां करूँ यार....
अब तो बदल गया संसार
न बैसे आचार रहे न ही रहे विचार

 दिल से पूरी तरह नहीं निकल पाते हैं कुछ लोग।
#दिलकेकोनेमें #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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