Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक भारतीय स्त्री की जिन विषेशताओं की आलोचना की जात

एक भारतीय स्त्री की जिन विषेशताओं की आलोचना की जाती है जैसे  नाक-कान छिदवाना बालों को बड़ा रखना इत्यादि । आपको बता दू ये सभी पुरुषबाधि मानसिकताओं की उपज है जो परम्पराओं के नाम पर अभी तक चली आ रही हैं ।जो समय के साथ आदत बन गयीं है और वर्तमान मांग के अनुसार शौक बन गयीं हैं जिसे आज भारतीय संस्कृति का फैशन कहा जाता है ।
      इस बात की सत्यता का प्रमाण इस बात से लगाया जा सकता है, आज की युवा लड़कियां शौक से तो १-२ घंटे साडी पहने रख सकती है पर लगातार कई हफ़्तों तक शौक से ये संभव नही हो पाट।
  नाक और कान छिदवाने का दर्द वो बस इसलिए झेलती है ताकि समाज उन्हें महिला समाज से अलग रख कर न सोचे ।

©Prem #petriotic 
#indiansociety 
 PREETI AGGARWAL Lost illusion Priya Royal Dr.Ashish tripathi ashq Astha gangwar ©
एक भारतीय स्त्री की जिन विषेशताओं की आलोचना की जाती है जैसे  नाक-कान छिदवाना बालों को बड़ा रखना इत्यादि । आपको बता दू ये सभी पुरुषबाधि मानसिकताओं की उपज है जो परम्पराओं के नाम पर अभी तक चली आ रही हैं ।जो समय के साथ आदत बन गयीं है और वर्तमान मांग के अनुसार शौक बन गयीं हैं जिसे आज भारतीय संस्कृति का फैशन कहा जाता है ।
      इस बात की सत्यता का प्रमाण इस बात से लगाया जा सकता है, आज की युवा लड़कियां शौक से तो १-२ घंटे साडी पहने रख सकती है पर लगातार कई हफ़्तों तक शौक से ये संभव नही हो पाट।
  नाक और कान छिदवाने का दर्द वो बस इसलिए झेलती है ताकि समाज उन्हें महिला समाज से अलग रख कर न सोचे ।

©Prem #petriotic 
#indiansociety 
 PREETI AGGARWAL Lost illusion Priya Royal Dr.Ashish tripathi ashq Astha gangwar ©