भरम जितने भी थे दिल में मोहब्बत के निकल गये , ऐतबार का सूरज बुझा तो शाम की तरह ढल गये , जिन आँखों के दियो से दिल में रौशनी थी , उन आँखों के दियो से ही हाथ हमारे जल गये । ✍️विनोद #dil #bharam #diye #hath #shayri #yoyrquote