Nojoto: Largest Storytelling Platform

कभी घटते कभी बढ़ते है इसमें चांद का कोई कुसूर नही

कभी घटते कभी बढ़ते है इसमें चांद का कोई 
कुसूर नही है,

रोशनी सूरज ने उसे दी फिर भी सूरज को ये 
गुरूर नही है;

पहले लोग ये सोचते थे कि दूर है चांद बहुत 
धरती से मगर,

सतह पर जाकर साबित किया कि चांद अब 
दूर नही है।

©Farhana #shayari#chand#NojotoWriter

#Eid-e-milad
कभी घटते कभी बढ़ते है इसमें चांद का कोई 
कुसूर नही है,

रोशनी सूरज ने उसे दी फिर भी सूरज को ये 
गुरूर नही है;

पहले लोग ये सोचते थे कि दूर है चांद बहुत 
धरती से मगर,

सतह पर जाकर साबित किया कि चांद अब 
दूर नही है।

©Farhana #shayari#chand#NojotoWriter

#Eid-e-milad
farhana4167

Farhana

Bronze Star
New Creator