ना चांद को लाएंगे धरती पर, ना सितारों को तोड़ेंगे, हमसे अलग जितने भी बनेंगे, तेरे यारों को तोड़ेंगे। कोई बेचारा शादीशुदा मिले, तो रियायत है तुम्हें, मरे हुए को क्या मारना, हम कुंवारों को तोड़ेगें। बदमाश माफिया होगा कोई, उसे माफ कर देंगे, सबसे पहले चुन चुन कर,हम बेचारों को तोड़ेंगे। विकलांगों पर होगा रहम, यह पालना मत वहम, हम आदत से लाचार हैं, लाचारों को तोड़ेगें। नौकरी पैसे वालों की, छिनेंगे हर महीने सैलरी, जो फ्री में इश्क फरमाते हैं, बेरोजगारों को तोड़ेंगे। यह मत सोचना कि, हम थक हार कर बैठ जाएंगे, अगर हजार भी बनाएगी, तो हजारों को तोड़ेंगे। हाथ थामा है तुम्हारा, तो कुछ भी हो छोड़ेंगे नहीं, 'ओमबीर काजल' जो बनेगी बीच में, सब दीवारों को तोड़ेंगे। ©Ombir Kajal तोडेंगे