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"शाम से आँख में नमीं-सी है, आज फिर आपकी कमी सी है,

"शाम से आँख में नमीं-सी है, आज फिर आपकी कमी सी है, शाम से आँख में नमीं-सी है" पिछले दो घण्टों से ऋषभ इस गाने को रिवाइंड मोड पर सुन रहा था और हर रिवाइंड के साथ-साथ उसका गला भर्राने लगा था। तलाक के बाद ये गाना उसके क़रीब हो गया था, हालाँकि वो इस तरह के गाने कभी सुना नहीं करता था, हमेशा कहा करता था "ये ऐसे रोने-धोने वाले गाने कौन सुनता है यार" लेकिन इन कुछ सालों में काफ़ी कुछ बदल गया था। "दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले, नब्ज़ कुछ देर से थमीं सी है, आज फिर आपकी कमी-सी है" इस पंक्ति को गाकर उसने गहरी साँस ली जैसे सचमुच उसकी थमीं नब्ज़ चल पड़ी हो। "वक़्त रहता नहीं टिककर, इसकी आदत भी आदमी-सी है, आज फिर आँख में नमीं-सी है..." सारिका के साथ बिताया वक़्त उसके ज़हन में उतर आया उसने दोहराया "वक़्त रहता नहीं टिककर......." आँसू का एक कतरा उसकी आँखों के किनारे से चुपचाप टपक गया। "कोई रिश्ता नहीं रहा फिर भी......एक तसलीम लाज़.." आख़िर तक आते-आते शब्द ऋषभ के गले से बाहर ना आ सके उसने हाथ में पकड़ी हुई सारिका की एक पासपोर्ट साइज़ फ़ोटो को देखा और गुनगुनाया "एक तसलीम लाज़मी-सी है..." आँखों में भरे आँसुओ की वजह से तस्वीर धुँधली दिख रही थी, ऋषभ वहीं दीवार से टिककर बैठ गया। आज पहली बार वो यूँ खुलकर रोया था। #nojoto
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"शाम से आँख में नमीं-सी है, आज फिर आपकी कमी सी है, शाम से आँख में नमीं-सी है" पिछले दो घण्टों से ऋषभ इस गाने को रिवाइंड मोड पर सुन रहा था और हर रिवाइंड के साथ-साथ उसका गला भर्राने लगा था। तलाक के बाद ये गाना उसके क़रीब हो गया था, हालाँकि वो इस तरह के गाने कभी सुना नहीं करता था, हमेशा कहा करता था "ये ऐसे रोने-धोने वाले गाने कौन सुनता है यार" लेकिन इन कुछ सालों में काफ़ी कुछ बदल गया था। "दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले, नब्ज़ कुछ देर से थमीं सी है, आज फिर आपकी कमी-सी है" इस पंक्ति को गाकर उसने गहरी साँस ली जैसे सचमुच उसकी थमीं नब्ज़ चल पड़ी हो। "वक़्त रहता नहीं टिककर, इसकी आदत भी आदमी-सी है, आज फिर आँख में नमीं-सी है..." सारिका के साथ बिताया वक़्त उसके ज़हन में उतर आया उसने दोहराया "वक़्त रहता नहीं टिककर......." आँसू का एक कतरा उसकी आँखों के किनारे से चुपचाप टपक गया। "कोई रिश्ता नहीं रहा फिर भी......एक तसलीम लाज़.." आख़िर तक आते-आते शब्द ऋषभ के गले से बाहर ना आ सके उसने हाथ में पकड़ी हुई सारिका की एक पासपोर्ट साइज़ फ़ोटो को देखा और गुनगुनाया "एक तसलीम लाज़मी-सी है..." आँखों में भरे आँसुओ की वजह से तस्वीर धुँधली दिख रही थी, ऋषभ वहीं दीवार से टिककर बैठ गया। आज पहली बार वो यूँ खुलकर रोया था। #nojoto
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