पवन भी चल रहा है पंछिया भी चहचहाने लगी हैं इस उपवन में यादों की आग सुलग उठी है इस तन में सबको ये मौसम भा रहा है बारिस की हल्की हल्की बूंदो से सावन आ रहा है जहाँ देखो वहाँ भोले बाबा कके नशा है और इस नशा में सब झूम रहे हैं सावन आ रहा है