दिल पर लगे ज़ख्म कोई भर सकता है क्या , मेरा दर्द कोई महसूस कर सकता है क्या ? काँटों भरा जीवन कोई जी सकता है क्या , ज़हर का घूंट कोई पी सकता है क्या ? अपनों ने ही दिया है कुछ घाव ऐसा , यकीन नहीं होता इस ज़माने में , कोई शख्स इतना ज़्यादा गिर सकता है क्या I -गौरव पांडे ✍ ©Gaurav Pandey #Dark #Shayari #Nojoto