वक्त के हाथों यूं ही गुज़र रही ज़िंदगी...! इंतजार की घड़ियों में बीते है यारियां...! यारों के साथ जहां हर पल गुजरते थे..! आज तो सबके सर पे है जिम्मेदारियां..! 🌝प्रतियोगिता- 183🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"इंतज़ार की घड़ियाँ"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I