जब से एक गौर सिटी सुकुमार नेता के जनसंपर्क अभियान में उसकी मुस्कान पर कुछ लड़कियां वीर वीर हुई है तब से कुछ लोगों को वैसी ही आस बंधी है जैसे ठंडी रात में तालाब के बीच फोटो था कोई गरीब किनारे पर चल रहे दीपक से बनता है कौन समझाए इन ए की मुस्कान अलग बात है मतदाता अलग बात है मुस्कान का मुकुट आपका ही नहीं है साइन लोग कहते हैं कि बांस यदि गुड मॉर्निंग का जवाब मुस्कुराए कर दे तो इसका मतलब यह नहीं कि वह अपनी छुट्टी मंजूर कर देगा या आपकी गोपनीय चित्रावली अच्छी लिख देगा दुनिया इतनी यादव सेमरी है कि चेहरे के भाव पढ़कर समझना मुश्किल है कि बंदा काम करेगा या काम ही करवाएगा किसी जमीन पर बीसीसीआई के एक संगीत प्रेम अध्यक्ष द्वारा की जाने वाली प्रशंसा से नहीं क्रिकेटर बहुत डरते थे वेजेस खिलाड़ी की तारीफ कर देते अगले मैच से उसका पत्ता कट जाता लोग पूछते साहब आपने यह क्या किया उनका जवाब होता भाई यही तो मैं उसका हौसला बढ़ाने के लिए करता हूं मोटिवेशनल अलग बात है सिलेक्शन अलग उन्हीं के भाई ठहरे एक बुद्धिजीवी फिल्म निर्देशक वह 7 बार किसी कलाकार का स्क्रीन टेस्ट लेते हैं और अचानक 6 महीने बाद बेवजह हाथ पैर खुजलाने हुए बिना किसी भूमिका के फोन पर डांटते हुए कहते हैं सुनो मेरी नई फिल्म तुम कर रहे हो क्या कर तुरंत फोन काट देते हैं दुनिया में डांट कर हां करने वाले लोग मुस्कुराकर नहीं कहने वाले भी हिंदी के आधे संपदा को को लेखकों को अधिकांश रचनाएं नमस्ते का इमोजी बनाकर लूट आनी पड़ती है ©Ek villain #दिल को देखो चेहरा ना देखो #Rose