याद रखना और याद आने में फ़र्क़ होता है जिस तरह प्यार करना और प्यार जताने में फ़र्क़ होता है । किसी और के होकर होकर रहो मेरे कहने और होने में जान फ़र्क़ होता है । बरसो बाद जो मिले है ब-मुश्किल से मैं क्या कहूँ तुम क्या समझो हर एक के नज़रिए में कितना फ़र्क़ होता है । खैर! खुश तो है वो आखिर अपनी दुनिया में बताया तो था कहानी और हकीकत में फ़र्क़ होता है । उसे देखने और न देखने में बस फ़र्क़ इतना है जितना जिंदगी जीने और काटने में फ़र्क़ होता है // #irrfankhan #R_I_P