न कुछ कहो अब आंखें समुंदर बन जाएंगी डूबना आखिर तुम्हे नही है पानी क्या पी कर जी पाएंगी। तुम बिखरोगे सब कहीं चांदनी रातों क्या सताएंगी खूब करते हो जो तुम बातें कभी हार कर देखो तुम्हारी आंखें सूखी पड़ जाएंगी हम तो बस मुस्कुराहटें देख कर खुदा का एहसान समझ लेते है क्या तुम्हें मेरी अरजूएं समझ में आयेंगी उठा कर ले चले जो तुम टुकड़ा भी अपना उसी राह पर वापस जाएंगी खूब हसते मुस्कुराते रहो ज़िन्दगी में कभी यादों की नमी आयेंगी तुम पूछते हो दरिया कहां है क्या तुम्हारी ख्वाइशों को दरकिनार कर उसमें आंखें ये ठहर पाएंगी बनते तो चिराग सभी है लॉ भी कोई बन पाएंगी डूबना आखिर तुम्हे नही है पानी क्या पी कर जी पाएंगी। रेगिस्तान हो या बीच समुंदर गहराई में क्या उतर पाएंगी एक पहलू न देख कर हर पहलू को समझ पाएंगी खूब कहे जिंदगानी अपनी क डूबना आखिर तुम्हे नही है पानी क्या पी कर जी पाएंगी। ©rashmi98 #septemberpoem #septembercreators #Englishpoetry #Nojoto2liner #NojotoEnglishPoetry #nojotohindipoetry #nojotohindi #hindi_poetry