वापसी का रास्ता खुला है परन्तु रस्ता ये मंज़िल तक हरगिज़ ना जाए कुछ रास्ते अगले मोड़ मैंने देखे हमको पुकारें ये नज़रें बिछाये रास्ते भी दोस्तों की तरह हैं हम उसके साथी जो मन को भाए कोई तन्हा सा है कोई जिंदादिल सा कोई आशा बांधे और कोई डराये सफ़र का ना पूछो कि कैसे कटा है हम रस्ते को, रस्ता हमको घुमाए राही हैं हम काम अपना है चलना जाने कौन सा उस छोर पहुँचाए #yqdidi #yqbhaijan #yqpoetry #yqbaba #yqshayari #रास्ताखुलाहै