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*शहादत* इस मिट्टी पे जो जान गवाते है। वो वीर जवान

*शहादत*

इस मिट्टी पे जो जान गवाते है।
वो वीर जवान कहलाते है।

चाहे आसमां,चाहे धरती,
चाहे समंदर का बसेरा हो।
सरहदों की दहलीज पर,
हर दिन नया सवेरा हो।
बर्फ के तूफानों से ना इठलाते हैं,
वो वीर जवान कहलाते है।

तपती धरा भी कदम को चूमे,
छूकर बदन इनका पवन भी झूमे।
ना कोई इनसे बच पाएगा,
सरहदों को ना छु पाएगा।
बाजुओं में दुश्मन दबाते हैं,
वो वीर जवान कहलाते हैं।

याद करो उनकी शहादतें,
तिरंगे में लिपटी हुई आहटें ।
बहन की  राखी छूट गई,
बापू की  लाठी  टूट गई।
मिट्टी का सीना थपथपाते हैं,
वो वीर जवान कहलाते हैं।

©Shabd_siya_k
  Parth Vasvani Dhundhali Subah Darshan Raj aman6.1 #HappyRepublicDay🇮🇳 #26thJanuary #RepublicDay2023