सब परेशां हैं यहाँ मर्ज-ऐ-मोहब्बत से, मरहम-ऐ-इश्क़ कोई पता क्यूँ नहीं करता.. जिस्मों और दौलत की चाह है यहाँ सबको, रूह-ऐ-इश्क़ की कोई खता क्यूँ नहीं करता.. कर लेते हैं वादे हज़ार इश्क़ में शौक से, उन वादों को कोई अदा क्यूँ नहीं करता.. सब लिखते हैं दूसरे की खामियाँ यहाँ, ख़ुद को कभी कोई बेवफा क्यूँ नहीं करता.. मिलती है कहाँ सच्ची मोहब्बत अब इस ज़माने में, कोई इस बात का पता क्यूँ नहीं करता.. #बसयूँही #mohabbat #koi #alsome #shalinisahu #love