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जब तक रूठा हूँ, मना ले मुझे 'ज़िंदगी', कहीं ऐसा न ह

जब तक रूठा हूँ,
मना ले मुझे 'ज़िंदगी',
कहीं ऐसा न हो,
तेरी ज़िद मुझ पर भारी पड़ जाए,
लबों से चूमकर आज़ाद कर मुझे,
मैं ज़र्रा-ज़र्रा टूट जाऊं,
तो बिखेर देना मुझे,
मैं हर आशिक़ की
अंतिम साँस बन जाना चाहता हूँ....
                                      --YASHVARDHAN #ज़िंदगी_तुम्हारे_लिए 💞
जब तक रूठा हूँ,
मना ले मुझे 'ज़िंदगी',
कहीं ऐसा न हो,
तेरी ज़िद मुझ पर भारी पड़ जाए,
लबों से चूमकर आज़ाद कर मुझे,
मैं ज़र्रा-ज़र्रा टूट जाऊं,
तो बिखेर देना मुझे,
मैं हर आशिक़ की
अंतिम साँस बन जाना चाहता हूँ....
                                      --YASHVARDHAN #ज़िंदगी_तुम्हारे_लिए 💞
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