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अपनी ही मस्ती मे डुबे थे हम न

 अपनी ही मस्ती मे डुबे थे हम                     
ना आज कि फिकर थी नाही कल की परवाह   
इतने डुबे थे हम  ना दिखा साहिल नाही मिला किनारा
 अपनी ही मस्ती मे डुबे थे हम                     
ना आज कि फिकर थी नाही कल की परवाह   
इतने डुबे थे हम  ना दिखा साहिल नाही मिला किनारा

अपनी ही मस्ती मे डुबे थे हम ना आज कि फिकर थी नाही कल की परवाह इतने डुबे थे हम ना दिखा साहिल नाही मिला किनारा #Shayari