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तन्हाई:-वो एहसास ही नहीं करती तेरी मौजूदगी का, दिल

तन्हाई:-वो एहसास ही नहीं करती तेरी मौजूदगी का,
दिल:-तो डरता कौन है यहाँ ज़िन्दगी को खोने से।

तन्हाई:-उसे तो तेरी तड़प का अंदाजा तक नहीं,
दिल:-फिर भी एक खुशी है उसकी याद में रोने से।

तन्हाई:-वो तो यूँ चली जाती है, पलट कर देखती भी नहीं,
दिल:-लेकिन करार होता है उसके सामने होने से।

तन्हाई:-ज़रा गौर फरमा क्या हालत हो गई है तेरी,
अब तो जलकर धुआँ उठता है एहसास के हर कोने से।

दिल:-क्या करूँ... साँस तब आती है जब वो याद आती है,
बड़ा सुकून है उसके ग़म में पलके भिगोने से।

तन्हाई:-मतलब ये तय है के तुझे दुनिया छोड़ना ही है?
दिल:-वैसे भी क्या रखा है जहाँ में होने या न होने से।

©Aarzoo smriti
  #wo ehsaas hi nhi karti
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#Wo ehsaas hi nhi karti

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