नज़रे इनायत मुझ पर इतना न कर 'काजू' , की तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं , मुझे इतना न पिला इश्क़-ए-जाम की , मैं तेरे इश्क़ के जहर का आदि हो जाऊं ... ©꧁༺Kǟjǟl༻꧂ नज़रे इनायत मुझ पर इतना न कर 'काजू' , की तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं , मुझे इतना न पिला इश्क़-ए-जाम की , मैं तेरे इश्क़ के जहर का आदि हो जाऊं ... (*мιѕs~мαнιяα*)