यहां परिवार परिवार से नहीं मिल पा रहा है भूखे हैं लेकिन खाना नहीं मिल पा रहा है बस से बहुत है लेकिन सवारी नहीं ट्रेन है मगर यात्री नहीं टीटी है मगर टिकट नहीं आनंद विहार है लेकिन सवारी नहीं दुकान है बहुत है लेकिन खरीदारी नहीं आनंद विहार उसी तरीके का आज भी है खामोश लेकिन कुछ कहने की बात नहीं आज बस अड्डे का इस तरह हालत हो गया बेबसी और खुद में खामोश हो गया L M K आनंद विहार दिल्ली