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आँखें नहीं होती हैं जिनकी, सुंदर वह भी चेहरे हैं।

आँखें नहीं होती हैं जिनकी,
सुंदर वह भी चेहरे हैं।

नज़रिया बदल कर देखो,
उनके सपने बहुत सुनहरे हैं।

उनकी पलकों पर भी,
यादों के वह पहरे हैं।

होते कुछ अरमान हैं उनके,
जैसे तेरे मेरे हैं।

मंज़िल की ओर बढ़ते-जाते, 
वो कब भला ठहरे हैं।

मंज़िल की ओर बढ़ते-जाते,
वो कब भला ठहरे हैं।

©Gunja Agarwal
  #inspirationalpoem  Priyanka Modi Pramodini Mohapatra Ehsaas"(ˈvamˌpī(ə)r)"Radio  Akhil Sharma