ख़ुशनुमा माहौल में दिल क्यों ग़मजदा है, ख़ुश तो है या फिर ख़ुद से ही खफ़ा है। ये नादां दिल तेरा अक्स ढूँढता है हर-सू, नावाकिफ ना जाने क्या नुक़्स-ओ-नफ़ा है। यूँ ही तो नहीं हुई होगी तुमसे बेवफ़ाई सनम, बता भी दो कि कहाँ से सीखा तर्ज़-ए-जफ़ा है। तेरी यादों का सिलसिला मुसलसल ज़ारी रहता है, मैंने तो हर क़िस्सा-ए-मोहब्बत दिल से किया रफ़ा है। तेरे नापाक इल्ज़ाम कब तक दिखेंगे दामन पर, मेरी आबरू तो आब-ए-जमजम मानिंद सफ़ा है। मिटाए मिटती भी नहीं किसी की हस्ती जान-ए-मन, अनाम ही सही तेरा ख्याल दिल में आता हर दफ़ा है। उनकी यादें अब तलक दिल में बाक़ी है तसल्ली है कि जिस्म में जान बाक़ी है #अनाम #अनाम_ख़्याल #रात्रिख़्याल #lovequote #latenightthoughtbazaar