आदत ना थी मुझे सबपे फ़िदा होने लगा सिर्फ़ तुझपे कुछ बात ऐसी थी तुझमें दिल को मौका ना मिला समझ ले फ़िदा हूंँ तुझपे मैं इस क़दर खोया रहता हूंँ तुझमें हर पहर शाम–ओ–सहर मैं चाहता हूंँ तुझे बेपनाह करता हूंँ अपने जान से ज्यादा परवाह दिल मेरा तुझपे ही फ़िदा हर पल तुझसे ही रहता ये जुड़ा ना चाहे तुझसे होना जुदा वो बन बैठे मेरे ख़ुदा तेरी हर अदा पे दिल मेरा हुआ फ़िदा ये आँखें मेरी नज़र रुक गई जहांँ अब देना कभी मुझे तुम दगा शामिल रहो तुम ज़िन्दगी में बन फिज़ा अपनी इश्क़ के पन्नों पे कर किया इबहाम दे दिया तुझको मैंने इश्क़ का इम्तिहान लिख दिया तेरी हर ख़ूबसूरत अदा तू बन गई मेरी ज़िन्दगी और मोहब्बत की ईबा ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1020 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।